Health Tips : बड़े-बुजुर्ग कहते है कि मानसून मतलब बीमारियों का खतरा। इस मौसम में फंगल, बैक्टीरिया को पनपने में आसानी होती है। जिसकी वजह से अलग-अलग तरह की बीमारियों का जन्म होता हैं। वहीं कई दिनों तक धूप ना निकलने और धूप होने पर भी नमी रहने से अस्थमा के मरीजों के लिए दिक्कत शुरू हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि अस्थमा के मरीज पूरी तरह से अपना ध्यान रखें ।
अस्थमा में फेफड़ों तक हवा पहुंचने में दिक्कत होती है। खासतौर पर बारिश की नमी की वजह से फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन बढ़ जाती है। जिसकी वजह से अस्थमा के अटैक आने का खतरा ज्यादा रहता है। बरसात में धूप तेजी से नहीं निकलती और उसमे भी नमी होती है। ठंडा वातावरण सांस की बीमारी को बढ़ा देता है। इन वजहों से अस्थमा बढ़ जाता है।
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पोलन बढ़ जाते हैं- बारिश के मौसम में हवाओं में पोलन यानी परागकण बढ़ जाते हैं। जो सांस लेने पर वायुमार्ग में पहुंच जाते हैं। जो अस्थमा अटैक को बढ़ा देते हैं। पोलन की वजह से बहुत ज्यादा छींक आने लगती है या सांस लेने में मुश्किल होती है।
फंगस बढ़ जाता है- बारिश की वजह से चारों तरफ नमी होती है और नमी में फंगस पनपने लगते हैं। ये सांस की समस्या वाले मरीजों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।
वायरल इंफेक्शन- कभी सर्द कभी गर्म की वजह से बैक्टीरिया पनपते हैं और जुकाम होने का डर रहता है। जिसकी वजह से वायरल हो जाता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
धूप की कमी- विटामिन डी सूरज की रोशनी में शरीर में बनता है। जिससे फेफड़ों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। लेकिन खराब धूप की वजह से फफूंदी पनपने लगती है और शरीर में भी नमी हो जाती है।
अस्थमा के मरीज का इस तरह रखें ख्याल
भाप लें – अस्थमा के मरीजों को सांस लेने पर समस्या होने पर भाप लेना चाहिए। इससे काफी राहत मिलती है। तुलसी, जीरा और एसेंशियल ऑयल को मिलाकर भाप लेना अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा होता है।
सफाई का ध्यान रखें – बारिश के मौसम में अपने आसपास की सफाई का खास ध्यान रखें। पालतू जानवरों से दूर रहें। नमी वाले घर से नमी मिटाने के उपाय करें। साथ ही बिस्तर, तकिया, चादर को गर्म पानी से धोकर इस्तेमाल करें। वहीं कार्पेट और दरी वगैरह को वैक्यूम क्लीनर से साफ करें।
एक्जास्ट फैन का इस्तेमाल करें- घर में अगर नमी हो रही है तो एक्जास्ट फैन के जरिए उसे बाहर निकालने का काम करें।
गरम पेय पदार्थ और भोजन खाएं – खाने में गर्म फूड और गर्म लिक्विड चीजें खाएं। बींस, गाजर जैसे हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करें।