रायपुर। Holi 2024 : पूरे देश में होली के त्योहार को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा है। इस बार होली 25 मार्च को खेली जाएगी। इस दिन हर कोई रंगो से सराबोर दिखेगा। होली का दूसरा अर्थ रंग होता है। इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर गले मिलते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं। रंग-बिरंगे होली के रंगों से त्योहार मनाते हैं।बच्चे रंगों को लेकर बहुत उत्साहित रहते हैं।
बाजारों में होली के रंग बिकने शुरू हो गए हैं। पक्के रंगों से लेकर कई तरह के अबीर गुलाब, हर्बल कलर बाजारों में मिल जाएंगे। हालांकि अक्सर लोग गलत या नकली रंगों का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी त्वचा पर रिएक्शन हो जाता है। होली के रंगों से चेहरे व त्वचा पर खुजली, जलन समेत कई तरह की समस्याएं हो सकती है। ऐसे में होली पर रंग खेलना है तो रंगों की खरीदारी सोच समझ कर रहें। होली पर रंग खरीदते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पैकेजिंग की जांच
होली के लिए रंग खरीदने निकले हैं तो सबसे पहले रंग की पैकेजिंग की जांच अच्छे से करें। पैकेट पर रंगों में उपयोग होने वाली सामग्रियों को ध्यान से पढ़ें। अगर उसपर लिखा है कि रंग को बनाने में गुलाब, हल्दी, जैसी सामग्री का उपयोग हुआ है तो समझ जाएं कि यह नैचुरल रंग हैं। आप इस तरह के नैचुरल रंगों को खरीद सकते हैं। वहीं अगर रंग बनाने की सामग्री में केमिकल का उपयोग हुआ है तो रंग न खरीदें।
एक्सपायरी डेट की जांच
अक्सर दुकानदार होली के रंगों में पिछले साल के रंगों को शामिल कर के बेच देते हैं। इसलिए रंग खरीदते समय उनकी पैकेजिंग में एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें। सामान्यत: नेचुरल रंगों में प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल होने के कारण उसकी एक्सपायरी डेट 6-7 महीने की होती है।
पैच टेस्ट
किस तरह के रंगों के उपयोग से त्वचा पर बुरा असर पड़ सकता है, इस बात का पता लगाने के लिए आप अपना स्किन पैच टेस्ट करवाएं। इससे पता चल जाएगा कि किन किन रंगों से त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है।
लैब टेस्ट सर्टिफिकेट
रंगों की पैकेजिंग पर लैब टेस्ट सर्टिफिकेट नंबर जरूर लिखा रहता है। ऑर्गेनिक कलर्स बनाने वाले निर्माता रंगों की जांच के बाद उसके पैकेट पर लैब टेस्ट सर्टिफिकेट नंबर दर्ज कराते हैं। रंग खरीदते समय आप इस नंबर की जांच कर लें। अगर नंबर न लिखा हो तो रंग न खरीदें।