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Jallikattu : जल्लीकट्टू पर आया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानें अब यह खेल होगा या नहीं ?

May 18, 2023 | by livekhabar24x7.com

चेन्नई। तमिलनाडु में हर साल होने वाले जल्लीकट्टू (Jallikattu) को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया हैं। कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। तमिलनाडु में जल्लीकट्टू (सांडों को काबू में करना), कर्नाटक में कंबाला (भैंसे की दौड़) और महाराष्ट्र के बैलगाड़ी दौड़ जैसे पारंपरिक खेलों को सांस्कृतिक विरासत माना है। इसे अनुमति दिए जाने के मामले मे सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दे दिया है।

इस मामले पर कोर्ट ने कहा है कि तीनों राज्यों की ओर से इस संबंध कानून में किए गए संशोधन वैध हैं। इसी के साथ कोर्ट ने इन खेलों को क्रूरता से नहीं संस्कृति से जुड़ा हुआ है। पांच जजों की संविघान पीठ ने तीनों राज्यों में जानवरों से जुड़े खेल को सांस्कृतिक विरासत माना है।

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याचिका खारिज
याचिकाकर्ताओं ने इन खेलों की अनुमति देने वाले राज्यों के कानूनों की वैधता को चुनौती दी थी। याचिका में दावा किया गया था कि इन खेलों में पशुओं के साथ क्रूरता होती है। बता दें, 2014 मे सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया था। हालांकि राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संशोधन कर दिया था। वहीं कानून में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने इसमें दखल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि जलीकट्टू तमिलनाडु की कल्चरल एक्टिविटी है इसलिए कोर्ट इसमे दखल नहीं देगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में तमिलनाडु के जल्लीकट्टू (सांडों को काबू में करना), कर्नाटक के कंबाला (भैंसे की दौड़) और महाराष्ट्र के बैलगाड़ी दौड़ जैसे पारंपरिक हैं। इसी के साथ ये कहा कि तमिलनाडु द्वारा किया गया संशोधन अनुच्छेद 15 A का उल्लंघन नहीं करता हैं।

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