कोरबा। जिले के CHMO एस. एन. केशरी ने बड़ा खुलासा किया हैं। सीएमएचओ ने बताया कि कोरबा जिले में 60% गर्भवती महिलाएं कुपोषित हैं। वहीं 55 % नवजात बच्चे है कुपोषण के शिकार हैं। साथ ही उन्होंने एनीमिया को बड़ी समस्या बताई है। उन्होंने बताया कि इस समस्या पर निदान पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरजोर कोशिश कर रही हैं।
बता दे कि गर्भावस्था के दौरान, आयोडीन, आयरन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी वाले खराब आहार से माताओं में एनीमिया, प्री-एक्लेमप्सिया, रक्तस्राव और मृत्यु हो सकती है। इसके अलावा, इनसे बच्चों में मृत जन्म, कम वजन, कमजोरी और विकास में देरी भी हो सकती है।
कुपोषण का महिला और उसके भ्रूण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
यदि गर्भवती महिला कुपोषित है, तो भ्रूण मृत पैदा हो सकता है या बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अब, हालांकि यह बहुत दुर्लभ है, फिर भी ऐसा होता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को इस परिणाम को अनदेखा नहीं करना चाहिए और स्वस्थ आहार स्थापित करने की आवश्यकता है।