Kuno National Park : कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों के बाद चीते तेजस की मौत, पिछले साल PM मोदी ने विशेष बाड़ों में छोड़ा था

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भोपाल। Kuno National Park : पिछले साल एमपी (MP) के कूनो राष्ट्रिय उद्यान (Kuno National Park) में नामीबिया से लाए गए चीते तेजस की मौत हो गई है। तेजस की सोमवार दोपहर मौत हो गई है, जिसके माड़ मरने वाले चीतों में तीन चीते और तीन शावक शामिल है।

मिली जानकारी अनुसार, एक निगरानी दल को आज सुबह लगभग 11 बजे तेजस की गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चोट के निशान मिले थे। साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता ‘तेजस’ को कूनो के बाड़े नंबर 6 (Boma number 6) में रखा गया था। अब पार्क में अब कुल 16 चीते और 1 शावक बचे हैं।

बताया जा रहा है कि सोमवार करीब 11 बजे मॉनिटरिंग टीम ने चिता तेजस से गर्दन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखें थे। इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम ने पालपुर (Palpur) मुख्यालय में मौजूद जानवरों के डॉक्टर को दी थी। जबी डॉक्टर्स की टीम ने मौके पर तेजस को चेक किया तो घाव को गंभीर रूप में पाया।

इसके बाद तेजस को बेहोश कर उपचार करने के लिए रवाना किया गया। मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने करीब 2 बजे नर चीता तेजस को मृत पाया। फिलहाल, चीता तेजस के मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और उसे लगी चोटों के मामले में जांच की जा रही है।

जन्मदिन पर पीएम ने सविशेष बाड़ों में छोड़ा था

Kuno National Park : MoU हस्ताक्षर होने के बाद नामीबिया से साल 2022 में कुल आठ चीते भारत लाए गए थे। देश में इन प्रजातियों को फिर से लाने के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले साल अपने जन्मदिन (17 सितंबर) के अवसर पर उन्हें एक विशेष बाड़ों में छोड़ा था। इस साल मार्च से अब तक कूनो नेशनल पार्क में चीता ज्वाला से पैदा हुए तीन शावकों सहित छह चीतों की मौत हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ में हुई थी आखिरी चिता की मौत

Kuno National Park : तेजस की मौत के बाद अब मृत आंखड़े 7 पहुंच गए है। मार्च महीने में ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। बता दें कि इससे पहले भारत में आखिरी चीता की मौत 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले (Koriya District Of Chhattisgarh) में हुई थी। साल 1952 में इस प्रजाति को देश से विलुप्त (Extinct) घोषित कर दिया गया था।

अब तक हुई चीतों की मौत की टाइमलाइन :

पहली चीता शाशा (मादा) की मौत 27 मार्च को

दूसरे चीता उदय (नर) की मौत 13 अप्रैल को

तीसरे चीता दक्षा (मादा) की मौत 9 मई को

3 शावकों की मौत 22–25 मई के बीच

सातवें चीता तेजस (नर) की मौत 11 जुलाई को

  • चीतों की मौत पर चिढ़ा सियासी बवाल

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लगातार चीतों की मौत पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चीतों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। यही कारण हैं कि चीतों मौत हो रही है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि, चीतों का देख रेख नहीं किया जा रहा है और ना ही उन्हें भोजन दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर काम को इवेंट में तब्दील कर दिया जाता है। चीतों को बाड़े में छोड़ने के लिए ही सौ करोड़ ख़र्च कर दिए जाते है।

20-25 लाख में होने वाले काम में 100 करोड़ खर्च किए – नेता प्रतिपक्ष

पीएम मोदी को निशाना साधते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मोदी जी ख़ुद आकर गए है। कभी वो ट्रेन चलाने आते हैं, तो कभी चीतों को छोड़ने आते हैं। जो काम 20-25 लाख में हो सकता हैं इसके लिए 100 करोड़ खर्च किए जाते है। गोविंद सिंह ने आगे कहा कि चीतों को तो कोई किसान भी छोड़ सकता था, पर BJP को हर चीज़ इवेंट में तब्दील करनी होती है।

कूनो में संपूर्ण समुचित व्यवस्थाएं – मंत्री महेंद्र सिसोदिया

कूनो में हुई चीते की मौत को लेकर कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि, हम कोई बीमार चीते लेकर नहीं आए हैं, ये मौसम की बात है। जो वातावरण रहता है, वो अलग अलग रहता है। फिलहाल मॉनिटरिंग चल रही है। जो शावक भी पैदा हुए हैं उनकी भी मॉनिटरिंग चल रही है। वहां पर्याप्त व्यवस्थाएं है वहां पर वेटनरी डॉक्टर भी है वहीं स्पष्ट कारण बता सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कोई एक्सपोर्ट नहीं हूं। इसलिए मैं कॉमेंट नहीं करूंगा। पर मैं आश्वासन देता हूं कि कूनो में संपूर्ण समुचित व्यवस्थाएं है।

 

 


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