Manipur Violence : मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई। जिसके बाद आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके आलावा कई जिलों में इंटरनेट ठप कर दी गईं। जानकारी के अनुसार मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन की ओर से बुलाए गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।
घटना के बाद गैर-आदिवासी बाहुल्य इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
धारा 144 लागू
हिंसा के बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिलाधिकारी की ओर से जारी निर्देश के अनुसार वैध लाइसेंस के बिना हथियार, लाठी, पत्थर, आग्नेयास्त्र या ऐसे हथियार जिनका आक्रामक हथियारों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
क्या है वजह
मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में बहुसंख्यक मेइतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने के कदम का विरोध करते हुए राज्य के सभी दस पहाड़ी जिलों में छात्र संगठन की ओर से बुलाए गए ‘एकजुटता मार्च’ में हजारों आदिवासी शामिल हुए। इस दौरान हिंसा की भी खबरें आई हैं। प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।