रायपुर। पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया इन दिनों एक मामले को लेकर चर्चा में आ गई हैं। रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा में पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया पर बड़ा आरोप लगा है। दस्तावेजों के साथ नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आरोप लगाया कि सामुदायिक भवन में शकुन डहरिया ने राजश्री सदभावना समिति के नाम से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
इसके बाद सदन में माहौल गर्मा गया। मीनल चौबे ने बताया कि निगम और स्मार्ट सिटी ने समुदायिक भवन पर 1 करोड़ रुपए खर्च कर दिया, जो कि नियम के विपरीत है. वहीं खुद कांग्रेस के मेयर इन काउंसिल के सदस्य कह रहे हैं की भवन किसी को आबंटित नहीं है बल्कि इस पर कब्जा है। हालांकि महापौर एजाज ढेबर ने आरोप सही साबित होने पर अधिकारी को बर्खास्त करने की बात कही है.
सामुदायिक भवन में खर्चे 1 करोड़ रुपए
जिसकी कल्पना निगम या फिर किसी भी शासकीय सामुदायिक भवन में नहीं की जा सकती। दरअसल,रायपुर नगर निगम में अभी कांग्रेस का कब्ज़ा है। यहां की सामान्य सभा के दौरान भाजपा की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने जोन 10 के अंतर्गत आने वाले शताब्दी नगर स्थित इस सामुदायिक भवन का मामला उठाया, जिसमें उनके द्वारा इस भवन में दी गई इन तमाम 5 सुविधाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब भारसाधक सदस्य ज्ञानेश शर्मा नहीं दे पाए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि इसका संचालन राजश्री सद्भावना समिति द्वारा किया जाता है, जिसकी अध्यक्ष पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया हैं। इन सभी सवालों का जवाब नहीं मिल पाने की वजह से मेयर एजाज ढेबर ने इस मामले में कमेटी का गठन कर 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
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नेता प्रतिपक्ष ने सामान्य सभा में वह पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें राजश्री सदभावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया ने जोन-10 को सामुदायिक भवन के हस्तांतरण और संचालन के लिए पत्र लिखा था। जिसके बाद भवन को हस्तांतरित करने के लिए 16 जून 2022 को आयोजित की गई एमआइसी की बैठक में इस संदर्भ में संकल्प क्रमांक 33 के अंतर्गत भवन को राजश्री सद्भावना समिति को हस्तांतरित किए जाने पर मुहर लगा दी गई। इसके बाद जोन-10 ने इस भवन में फर्नीचर, आलमारी, लकड़ी की कुर्सियां, वाशिंग मशीन, वाटर हीटर, सोफा, सेंट्रल टेबल, कंप्यूटर, कंप्यूटर प्रिंटर, किचन चिमनी, वाटर कूलर इत्यादि सामान प्रदान करने के लिए वर्क आर्डर जारी किया।
नेता प्रतिपक्ष द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सदन में बताया गया कि निगम के सामुदायिक भवनों की आधिकारिता निगम के पास ही रहती है। इसे किसी को नहीं दिया जा सकता। लेकिन उक्त सामुदायिक भवन को किस अधिकार के तहत एनजीओ को संचालित करने के लिए दे दिया गया, इसका जवाब सदन में कोई भी एमआइसी सदस्य नहीं दे पाया। जायज सी बात है कि, इस मामले में पूरी तरह से सत्ता का दुरूपयोग हुआ है। सामान्य सभा के दौरान राजश्री सद्भावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया का नाम सामने आने के बाद इसे कार्यवाही के दौरान सभापति प्रमोद दुबे द्वारा विलोपित तो करवा दिया गया। लेकिन सामुदायिक भवन की दीवारें पर लगी शिव डहरिया और उनकी पत्नी सहित परिवार की फोटो से स्पष्ट है, कि यह पूरा खेल उनके एनजीओ को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
मिला नोटिस
इस बीच निगम ने पूर्व मंत्री की पत्नी शकुन डहरिया को बड़ा झटका मिला है. नगर निगम रायपुर ने उन्हें नोटिस जारी कर 72 घंटे के भीतर भवन को कब्जा मुक्त करने आदेश दिया है। राजश्री सद्भावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया को नगर निगम रायपुर ने नोटिस जारी किया है।
नोटिस ने निगम समिति के आधिपत्य को विधि विरुद्ध बताया गया है और कहा गया है कि राजश्री सद्भावना समिति को आधिपत्य नहीं दिया गया है। इसलिए शताब्दी नगर स्थित नवनिर्मित समुदायक भवन को 72 घंटे के भीतर कब्जा मुक्त कर निगम को आधिपत्य करने कहा गया है। वहीं पूर्व मंत्री शिव डहरिया के दावे को निगम के नोटिस ने खारिज किया है। डहरिया ने MIC से स्वीकृति मिलने का किया दावा है.जबकि सामान्य सभा से प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था।