रायपुर। National Dengue Day 2024 : आज यानी 16 मई को देश में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष डेंगू दिवस की थीम है “समुदाय के सहभागिता से डेंगू नियंत्रण करें” है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों में जागरूकता लाने जिला स्तरीय, समस्त विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सीएमएचओ ने बताया कि डेंगू बुखार एक आम संचारी रोग है जिसकी मुख्य लक्षण है, तीव्र बुखार, अत्यधिक शरीर में दर्द तथा सिर दर्द। यह एक ऐसी बीमारी है जो समय-समय पर इसे महामारी के रूप में देखा जाता है।
डेंगू किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। डेंगू में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगते हैं। डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी और इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
वयस्कों के मुकाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। डेंगू वायरस (विषाणु) द्वारा होता है जिसके चार विभिन्न प्रकार (टाइप) है। आम भाषा में इस बीमारी को हड्डी तोड़ बुखार कहा जाता है। क्योकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में दर्द होता है। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर किसी रोगी को काटता है तो एडीज मच्छर संक्रमित हो जाता है। डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो लगभग 5-7 दिन में डेंगूका लक्षण प्रकट होता है।
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डेंगू के लक्षण
साधारण डेंगू बुखार एक स्वंय ठीक होने वाली बीमारी है। लेकिन यदि किसी को डीएचएफ या डीएसएस हैं और तुरन्त उपचार शुरू नहीं किया जाता है तो जान को खतरा हो सकता हैं। इसलिए यह पहचानना अत्यन्त महत्पूर्ण हैं कि साधारण डेंगू बुखार है डीएचएफ या डीएसएस हैं। साधारण डेंगू बुखार ठंड लगने के साथ अचानक बुखार चढ़ना। सिर मांसपेशियों तथा जोडाें में दर्द। आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है। अत्यधिक कमजोरी लगना ,भूख मेंकमी ,जी मतलाना। मुंह के स्वाद का खराब होना।
गले में हल्का सा दर्द होना। रोगी बेहद दु:खी तथा बीमार महसूस करता है। शरीर पर लाल ददोरे का होना। शरीर पर लाल -गुलाबी ददोरे निकल सकते हैं। डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती हैं और रोगी ठीक हो जाता है। अधिकतर मामलों में रोगियों को साधारण डेंगू बुखार ही होता है। साधारण डेंगू बुखार के लक्षण ठीक नही होने कि स्थिति में रक्तस्त्राव (हॅमरेज होने के लक्षण): नाक, मसूढ़ें से खून जाना, शौच या उल्टी में खून जाना, त्वचा पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते पड़ जाना आदि रक्तस्त्राव , अत्यधिक बेचैन, धीरे-धीरे होश खोने ये सब डेंगू हॅमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिन्ड्रोम के लक्षण हैंजिन्हे अस्पाताल में भर्ती कर ईलाज किया जा सकता है।
डेंगू बुखार उपचार यदि रोगी को साधारण डेगू बुखार है तो उसका उपचार व देखभाल घर पर की जा सकती है। चूंकि यह स्वंय ठीक होने वाला रोग है इसलिए केवल लाक्षणिक उपचार ही चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह के अनुसार पेरासिटामॉल की गोली या शरबत लेकर बुखार को कम किया जा सकता है। रोगी को डिसप्रिन, एस्प्र्रीन जैसी दवा कभी ना दें। यदि बुखार 102 डिग्री से अधिक है तो बुखार को कम करने के लिए हाइड्रोथेरेपी (जल चिकित्सा) करें। सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें। बुखार की स्थिति में शरीर को और अधिक भोजन की आवश्यकता होती है। रोगी को आराम करने दें। जिला चिकित्सालय जांजगीर, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जांजगीर ,बीडीएम एवं सभी सामुदायिक,प्राथमिक केंद्रो में शंकास्पद मरीजों के डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही डेंगू की पुष्टि जिला चिकित्सिालय जांजगीर में की जा सकती है।
डेंगू से बचाव के उपाय
शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। घरों में स्थित कुलर, टंकी, ड्रम, बाल्टी के पानी को सप्ताह में एक बार खाली करें। घरों के आसपास पानी जमा होने वाले वस्तुओं जैसे की नारियल के खोल, पुराने टायर,टूटे फूटे बर्तन आदि में पानी जमा न होने दें। पानी संग्रहित बर्तनों को हमेंशा ढ़क कर के रखें।