नई दिल्ली। Parshuram Jayanti 2023 : बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। इसलिए इस दिन को परशुराम जंयती के रूप में मनाया जाता है। भगवान विष्णु के दशावतारों में एक हैं परशुराम। हिन्दू धर्म के भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती अक्षय तृतीया के दिन होती है। भगवान परशुराम का जन्म माता रेणुका की कोख से हुआ था। जन्म के बाद इनके माता-पिता ने इनका नाम राम रखा था।
बालक राम बचपन से ही भगवान शिव के परम भक्त थे। ये हमेशा ही भगवान की तपस्या में लीन रहा करते थे। तब भगवान शिव ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इन्हें कई तरह के शस्त्र दिए थे जिसमें एक फरसा भी था । फरसा को परशु भी कहते हैं इस कारण से इनका नाम परशुराम पड़ा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम ने श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था। दरअसर गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण के दौरान भगवान कृष्ण की मुलाकात परशुराम जी से हुई तभ उन्होंने भगवान कृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था।
परशुराम जी का जन्म ब्राह्राण कुल में हुआ था लेकिन उनका ये अवतार बहुत ही तीव्र, प्रचंड और क्रोधी स्वाभाव का था। भगवान परशुराम ने अपने माता-पिता के अपमान का बदला लेने के लिए इस पृथ्वी को 21 बार क्षत्रियों का संहार करके विहीन किया था। इसके अलावा अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए अपनी माता का भी वध कर दिया था। लेकिन वध करने के बाद पिता से वरदान प्राप्त करके फिर से माता को जीवित कर दिया था।