बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि, राज्य सरकार को अपनी आबकारी नीति बनाने का पूर्ण अधिकार है और इसे चुनौती नहीं दी जा सकती। यह फैसला आबकारी नीति के मामले में राज्य सरकार के अधिकार की पुष्टि करता है।
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बता दे कि प्रदेश में शराब की दुकानों का संचालन और वितरण पहले 10 कंपनियों को दिया गया था। जिसे राज्य सरकार ने अपनी आबकारी नीति में बदलाव करते हुए स्वयं के नियंत्रण में ले लिया। जिसके बाद राज्य सरकार ने कंपनियों से जमा की गई राशि वापस लौटा दी है। साथ ही कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इस फैसले को चुनौती देते हुए नार्थ ईस्ट फीड एंड एग्रो एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में कंपनी की ओर बताया गया था कि, उन्होंने मार्च 2025 तक का अनुबंध किया है और इस अवधि से पहले उनका लाइसेंस निरस्त नहीं किया जा सकता। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता के जवाब सुनने के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन की नई आबकारी नीति को सही ठहराते हुए कंपनी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया है।