प्रेमचंद आधुनिक हिंदी के पितामाह : डॉ लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा

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Raipur : मैट्स विश्विद्यालय रायपुर के हिंदी विभाग के तत्वावधान में सोमवार को हिंदी के महान उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 143 वी जयंती के अवसर पर हिंदी साहित्य में प्रेमचंद के अवदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ,विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित एवंम मुंशी प्रेमचंद की चित्र पर माल्यर्पण के साथ हुई।

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संगोष्ठी के मुख्य वक्ता दुर्गा महाविद्यालय रायपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा ने विषय पर विस्तार से बताया कि प्रेमचंद जी आप जन की समस्याओं को कहानी का विषय बनाया जन मानस की भावनाओं को साहित्य में उकेरा है , प्रेमचंद जी कालजीवी और परिणामतः कालजयी रचनाकार है।

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वह अपनी कलम की रोशनी से समाज को नई दिशा देने का सफल प्रयास किया , मुंशी प्रेमचंद की सामाजिक समता , छुआ छूत , अस्पृश्यता ,जाति पति की भावनाओं को समाज से कोष दूर उखाड़ फेंकने का प्रयास किया उनके द्वारा दिया गया संदेश पूरी दुनिया में सर्च लाइट का काम करेगा , वे आधुनिक हिंदी के पितामह है।

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इस कार्यक्रम में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ रेशमा अंसारी, डॉ कलमेश गोगिया, डॉ रमणी चंद्राकर ने भी अपने विचार ब्यक्त किया जिसमें प्रेमचंद की उपादेयता और सामाजिक संदर्भो के साथ उसका विवेचन और विश्लेषण भी किया, साहित्यकार प्रेमचंद जी आज भी प्रासंगिक है।

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कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनीता तिवारी और आभार प्रदर्शन डॉ सुपर्णा श्रीवास्तव ने किया इस अवसर पर हिंदी प्रेमी के साथ के साथ विद्यार्थियों और पीएचडी शोधार्थियों की उपस्थिति रही ।


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