महेन्द्र कुमार साहू/रायपुर। राज्य सरकार भ्रष्टाचार व अपराध के मामले में लगातार घिरती जा रही है। एक के बाद एक मुसीबतें बढ़ती जा रही है। जो कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस बीच पीएससी भर्ती मामला जोर पकड़ता जा रहा है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहा है, विपक्षी पार्टी बीजेपी रौद्र रुप धारण करते जा रही है। वहीं कांग्रेस पूरी तरह शिकार होते दिख रही है।
आपको बता दें कि पीएससी भर्ती मामले में बीजेपी लगातार आवाज उठा रही है। सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद करने में भाजपा मजबूत रही है। और अब न्यायालयीन प्रक्रिया का पालन करते हुये न्याय के मंदिर पहुंची है। जहां कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है।
राज्य में पीएससी के माध्यम से हुये भर्ती में बड़ा झोल सामने आया है। अपने लोगों को लाभ पहुंचाने का खेल खेला गया है। जिसके लिए उत्तर पुस्तिका के जांच में भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। उत्तर पुस्तिका के जांच में गलत जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को पूरे अंक दिये गये हैं। जबकि सहीं जवाब देने वाले अभ्यर्थी को कम अंक दिये गये हैं।
भरतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी लगातार इस मामले को उठाते रहे हैं। और मीडिया से रु-ब-रु होते रहे हैं। अब पीएससी भर्ती में ऐसा भी मामला सामने आ रहा है कि एक ही परिवार के चार लोगों की भर्ती हुई है। एक ही परिवार के चार लोगों कि भर्ती होना सवालों के घेरे में आना स्वाभाविक भी है।
भाजपा शासन में भी सत्ताशीन लोगों के बच्चों के पीएससी में सलेक्शन होते रहे हैं। ये कोई नई बात नहीं है। लेकिन एक ही परिवार के चार लोगों का एक भर्ती के माध्यम से सलेक्शन होना सवाल तो खड़े करते ही हैं। वहीं उत्तर पुस्तिका जांच अपने आप में सवालों के घेरे में है। अब ये उत्तर पुस्तिका सोशल मीडिया में तेजी से वायरल भी हो रहे हैं।