Raipur Unipol Scam : 27 करोड़ के यूनिपोल मामलें में होगी बड़ी कारवाई! महापौर बोले – अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी, अब एजेंसी पर होगा निर्णय

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रायपुर। Raipur Unipol Scam : रायपुर नगर निगम में इन दिनों डिवाइडर्स पर लगे मिनी यूनिपोल घोटाले का मामला गर्माया हुआ है। जिसपर अगले हफ्ते विराम लगने के अनुमान है। यह कुल 27 करोड़ रुपए का घोटाला बताया जा रहा है। इस मामलें में एमआईसी द्वारा जांच समिति भी गठित की गई थी। इस बीच रायपुर महापौर ने बड़ा बयान दिया है।

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि एजेंसी के सुझाव पर अधिकारियों के यूनिपोल की साइज बढ़ाने की अनुमति दी थी, वह साइज अब घट जाएगी। इतना ही नहीं संबंधित एजेंसियों पर जुर्माने के साथ ही निगम को हुए नुकसान की भरपाई भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निवेश विभाग में नया पदभार ग्रहण करने वाले अधिकारी अपने व्यक्तिगत कार्यों से अवकाश पर थे, वे लौट आये हैं।

विभागीय अध्यक्ष एमआईसी मेंबर श्रीकुमार मेनन के साथ ही एमआईसी द्वारा गठित जांच समिति के सदस्य भी 12 व 13 जून को उपस्थित रहेंगे। इसी दौरान दस्तावेजों के आधार पर मिनी यूनिपोल मामले में निर्णय लिया जाएगा। महापौर ने कहा कि मिनी यूनिपोल के ठेके मने चार एजेंसी काम कर रही थी, उनमें से ASA और Deshkar Agency ने यूनिपोल की साइज नहीं बढ़ाई। जबकि Graceful मीडिया और व्यापक एजेंसी ने साइज में वृद्धि का फायदा उठाया है।

इनमें से ग्रेफ़ुल मिडिया को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने टेंडर की नियम व शर्तों की भी अनदेखी कर दी। उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है, इसलिए अब एजेंसी पर भी निर्णय होगा।

होर्डिंग्स से नुकसान व राजस्व की होगी समीक्षा

निगम की जांच कमिटी की बैठक में साल 2019 से लेकर अब तक नियम के खिलाफ लगाए गए सभी होर्डिंग से होने वाले नुकसान और इससे मिलनेवाले राजस्व की भी समीक्षा की जाएगी। इस प्रक्रिया में वित्त अधिकारियों और राजस्व विभाग को भी शामिल किया जाएगा। यहां नगर निवेश अध्यक्ष श्रीकुमार मेनन ने कहा कि हमारा फैसला निगम के पक्ष में ही होगा, हम निगम का नुकसान नहीं होने देंगे।

ग्रेसफुल मीडिया को अधिकारियों ने पहुंचाया एकतरफा फायदा

महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि एजेंसी के सुझाव पर अधिकारियों ने एकतरफा ग्रेसफुल मीडिया को फायदा पहुंचाने का काम किया है, जबकि टेंडर में सभी यूनिपोल की नियम व शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल के दौरान महामारी से निबटने की कवायद के चलते इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया, इसका अनुचित लाभ उठा लिया गया। इसीलिए अब कार्रवाई जरूरी हो गई है।

 

 

 


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