रायपुर। बीते महीने से शहर में लगे मिली यूनिपोल का मुद्दा खूब चर्चाओं में हैं। कथित 27 करोड़ रुपये के मिली यूनिपोल घोटाले पर समय-समय पर कई बाते निकलकर सामने आते रहते है। वहीं प्रदेश में जैसे ही मानसून की एंट्री हुई तो सबका ध्यान यूनिपोल की सेफ्टी पर पड़ा। क्योकि मात्र 3 फीट चौड़े डिवाइडर पर लगे भारी भरकम मिनी यूनिपोल के स्ट्रक्चर की मजबूती का सर्टिफिकेट निगम के पास नहीं हैं। ऐसे में सुरक्षा पैमाने की दृष्टि से देखा जाए तो यह राजधानी के आम नागरिकों के लिए बारिश के मौसम में खतरा साबित हो सकता हैं।
बता दे कि किसी भी यूनिपोल के स्ट्रक्चर मजबूती संबंधी प्रमाण पत्र नगर निगम में जमा करने का नियम हैं। लेकिन चौकाने वाली बात ये हैं कि डिवाइडर पर लगे यूनिपोल मामले में निगम के पास इसका प्रमाण पत्र ही नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि बिना मजबूती की जांच करवाए अधिक आकार के विशाल यूनिपोल किसी गंभीर दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे हैं।
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महापौर ने कही ये बात
इस मामले पर महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा है कि जो भी यूनिपोल आम नागरिकों के लिए खतरा साबित हो सकता है उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगरी प्रशासन संचनालय द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद अन्य मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी।
भुगतान रोकने लिखा गया पत्र
मिनी यूनिपोल घोटाले के मामले में नगर निगम ने ग्रेसफुल मीडिया और एएसए एजेंसी के पोल पर लगे सरकारी विज्ञापनों का भुगतान रोकने का पत्र संवाद को भेज दिया है। बताया गया कि संबंधित एजेंसी से जुर्माना वसूलने तथा निगम को हुए नुकसान की भरपाई के बाद ही सरकारी विज्ञापन का पैसा एजेंसी को जारी किया जाएगा।
35 यूनिपोल की साइज होगी छोटी
कुछ दिन पहले नगर निगम में हुई मेयर इन काउंसिल में मिनी यूनिपोल घोटाले को लेकर एमआईसी समिति की रिपोर्ट पर एजेंसी ग्रेसफुल मीडिया और एएसए पर लगभग 7 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया था। इसी के साथ साइज बढ़े लगभग 35 यूनिपोल को काटकर साइज कम करने की अनुसंशा भी हुई थी। ये दोनों मामलों में अगले सप्ताह से कार्रवाई शुरू हो जाएगी।