RIPA SCAM : रीपा केंद्रों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए 6 अधिकारियों को किया गया नियुक्त, 7 दिन में सौपेंगे रिपोर्ट

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रायपुर। RIPA SCAM : छत्तीसगढ़ में पिछली भूपेश सरकार के कार्यकाल में बने रीपा केंद्रों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जांच तेज हो गई है। दरअसल रीपा केंद्रों में भ्रष्टाचार की जांच पहले ही जारी है। जिसमें अब जशपुर जिले को भी शामिल कर दिया गया है। जिसके बाद अब जशपुर में बनाये गये महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) में भी गड़बड़ी की जांच होगी। इसके लिए उच्च अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

जांच बिंदुओं में विजन दस्तावेज और डीपीआर बनाने में गड़बड़ी, अधोसंरचना निर्माण में एजेंसियों की मनमानी, मशीनों का क्रय में गड़बड़ी, उत्पादित सामग्री की मार्केटिंग, दूसरे मद की राशि का उपयोग शामिल हैं। साथ ही रीपा का आगे क्या उपयोग किया जाएगा, इसे भी जांच बिंदु में शामिल किया गया है।

प्रदेश के कुल 146 विकासखंडों में 300 रीपा केंद्र जांच के दौरे में है। इस योजना को लेकर अबतक कई खामियां सामने आ चुकी है। जशपुर में एक रीपा के डीपीआर के लिए ही अधिकारियों ने 80 लाख रुपये खर्च कर दिया था।

जशपुर के 6 रीपा केंद्रों की होगी जांच

इस जांच में जशपुर जिले के 6 रीपा केंद्रों की जांच होगी। जशपुर के पालीडीह रीपा केंद्र की जांच खुद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव तारण प्रकाश सिन्हा करेंगे। वहीं मनोरा रीपा केंद्र की जांच पंचायत संचालक प्रियंका महोबिया, बगीचा के पंडरापाठ रीपा केंद्र की जांच स्वच्छ भारत मिशन की संचालक चंदन संजय त्रिपाठी, दुलदुला रीपा केंद्र की जांच पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अशोक चौबे, बालाछापर रीपा केंद्र की जांच व्हीपी तिर्की अपर विकास आयुक्त और चेटबा और फरसाकानी रीपा केंद्र की जांच चीफी इंजीनियर केके कटारे करेंगे।

बता दें कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क ( रीपा ) योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। राज्य सरकार ने 15 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जांच कराने का निर्णय लिया था। रीपा में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए छह बिंदु तय किए गए थे।


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