गाथा श्रीराम मंदिर की : राजिम कुंभ कल्प में पहली बार सुना और देखा जाएगा श्री राम मंदिर के 500 वर्षों का इतिहास, 3 मार्च को होगी प्रस्तुति

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रायपुर : पूरे देश और दुनियाभर में प्रभु श्री राम के आने की खुशी मना रहे हैं। यह गौरवशाली पल को सभी रामोत्सव के रूप में मना रहे है जब अयोध्या में भगवान श्री राम 500 से अधिक वर्षों के बाद मंदिर में पुनः विराजमान हुए हैं।
राम महोत्सव को लेकर देश भर में विभिन्न तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी के तहत भगवान श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में त्रिवेणी संगम राजिम के चल रहे कुंभ कल्प के मुख्यमंच में 03 मार्च को ‘गाथा श्रीराम मंदिर की’ का आयोजन होने जा रहा है। इस गाथा में श्रीराम जन्मभूमि के 500 साल के इतिहास से लेकर प्रभु श्रीराम लला की प्राणप्रतिष्ठा तक की कथा सुनाई जाएगी।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि राजिम कुंभ कल्प में मुख्य मंच से “गाथा श्रीराम मंदिर की संगीतमय महागाथा का संध्याकाल में आयोजन होने जा रहा है। इसमें अयोध्या के राम मंदिर की पिछले 500 वर्षों से लेकर जनवरी 2024 तक की गाथा की संगीतमयी प्रस्तुति होगी। यह प्रस्तुति एक लाइव म्यूजिकल बैंड के साथ होगी। श्रीराम जन्मभूमि की तपस्या एवं संघर्ष की सत्य गाथा के इस कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रहेगा। श्रीराम मंदिर की महागाथा को सुर-संगीत में श्रद्धालु देख और सुन सकेंगे।
संगीतमयी गाथा में श्रीराम और अयोध्या से जुड़ी हर घटना का उल्लेख होगा साथ ही राजा विक्रमादित्य और माँ अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के जीर्णाेद्धार, बैरागी साधुओं के संघर्ष, गर्भगृह से रामलला का निकाला जाना, गर्भगृह में रामलला का प्रकट होना, कार सेवक, कोठारी बन्धुओं के बलिदान से लेकर वर्तमान निर्माणाधीन मंदिर की भव्यता, दिव्यता का चित्रण किया जाएगा।

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