Sawan Somvar 2023 : इस साल सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हो चुकी हैं। हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। सावन महीने में भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। वही इस बार शिवभक्तों को आराधना के लिए 2 महीने मिलने जा रहे हैं। सावन के महीने में सोमवार के दिन विशेष रूप से भोलेनाथ की आराधना की जाती हैं। तो चलिए जानते हैं कि पहले सोमवार को शिव की पूजा-अर्चना की विधि….
मुहूर्त
कल सावन का पहला सोमवारहै। इस दिन पंचक भी रहेगा। सावन के पहले दिन पंचक लगने के कारण यदि आपके मन में रुद्राभिषेक करने के शुभ मुहूर्त को लेकर कोई प्रश्न उठ रहा है तो बता दें कि ज्योतिष के अनुसार सावन में कभी भी पंचक या भद्रा काल लगता है तो उस समय में पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं होती है।
पूजा में शामिल करें ये वस्तुएं
पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का
- भोग लगाया जाता है.
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.
पंचक का समय
पांच दिनों के पंचक की शुरुआत 6 जुलाई 2023 से हो चुकी है. गुरुवार 6 जुलाई दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से पंचक शुरू हुआ है और इसका समापन सोमवार 10 जुलाई शाम को 06 बजकर 59 मिनट पर होगा. ऐसे में सावन की पहली सोमवारी पर भी पंचक का साया रहेगा. लेकिन ज्योतिष के अनुसार, व्रत और शिव पूजन के लिए पंचक मान्य नहीं होगा और पंचक में भी आप बेझिझक पूजा-पाठ कर सकते हैं.