SC का तलाक पर बड़ा फैसला, रिश्ते में सुधार की उम्मीद न हो तो…. जानिए संविधान पीठ ने क्या कहा?

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नई दिल्ली। तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) का एक बड़ा फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि जहां रिश्तों में सुधार की गुंजाइश न बची हो, ऐसे मामलों में तलाक को मंजूरी दे सकता है। शीर्ष अदालत की संवैधानिक बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान यह बात कही।

अदालत ने कहा कि आर्टिकल 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को यह आदेश दिया गया है कि वह न्याय के लिए दोनों पक्षों की सहमति से कोई भी आदेश जारी कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि दोनों ही पक्ष तलाक के लिए सहमत हों तो फिर ऐसे मामलों को फैमिली कोर्ट भेजने की जरूरत नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि संविधान के आर्टिकल 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ऐसी मंजूरी दे सकती है। विवाह के निश्चित तौर पर टूट चुके मामलों में कपल को जरूरी वेटिंग पीरियड का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। मौजूदा विवाह कानूनों के मुताबिक पति-पत्नी की सहमति के बावजूद पहले फैमिली कोर्ट्स एक समय सीमा तक दोनों पक्षों को पुनर्विचार करने का समय देते हैं।


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