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सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, विशेष सत्र बुलाये जानें पर कहीं ये बात…

September 6, 2023 | by livekhabar24x7.com

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के मुद्दे पर सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष से पूछे बिना ही विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने विशेष सत्र के लिए सरकार से एजेंडे की मांग की है।

बता दे कि 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। सरकार की तरफ से यह अभी स्‍पष्‍ट तौर पर नहीं बताया गया है कि आखिर किस वजह से संसद सत्र को बुलाने की जरूरत पड़ी और ऐसे कौन से बिल हैं, जिन्‍हें इस सत्र के दौरान पास कराया जाएगा।

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पत्र में कहीं ये बात
पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा, “आपने एक विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है, जो 18 सितंबर 2023 से शुरू होने वाला है। मैं आपको ध्‍यान दिलाना चाहती हूं कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी भी परामर्श के बिना बुलाया गया है। हम में से किसी के पास भी इसे लेकर एजेंड उपलब्‍ध नहीं है।’ विपक्ष को केवल यह जानकारी मिली थी कि ‘सरकारी कामकाज’ के लिए संसद के पांच दिन आवंटित किए गए हैं।

सोनिया गांधी ने अपने पत्र में विपक्ष के नौ सूत्री एजेंडे को भी पीएम मोदी के समक्ष रखा। पत्र में कहा गया कि वो इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान महंगाई, मणिपुर हिंसा, हरियाणा में हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो 9 मुद्दे?

  • आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई के संकट पर ध्यान देने के साथ वर्तमान आर्थिक स्थिति।
  • एमएसपी और उनके द्वारा उठाई गई अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार द्वारा किसानों और किसान संगठनों से की गई प्रतिबद्धता।
  • तमाम खुलासों के मद्देनजर अडानी बिजनेस ग्रुप के लेनदेन की जांच के लिए जेपीसी की मांग।
  • मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना।
  • हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि।
  • चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्जा। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती।
  • जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता।
  • केंद्र-राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा नुकसान।
  • कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव।

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