सिद्धांत शर्मा, रायपुर। अखबारों और न्यूज चैनलों में भाजपा के प्रवक्ता और नेता कभी स्पष्ट रूप से यह नहीं कहते है कि, भारत के बढ़ते इस्लामीकरण को रोकने लिए यह बहुत जरूरी है कि सारे हिंदू एक होकर मोदी या भाजपा को वोट दें। भारत को एक इस्लामिक देश बनाने की कोई साजिश सही में रची भी जा रही है…? ऐसा खुद मोदी ने भी कभी नही कहा। “भाजपा के समर्थकों से अगर हम कैमरे के सामने बात करे तब भी अक्सर वह यह नहीं कहते है की वह हिंदू धर्म की रक्षा के लिए या देश के इस्लामीकरण को रोकने के लिए भाजपा को वोट दे रहे है।”
अक्सर तो यही सुनने को मिलता है कि मोदी के राज में भारत में विकास हुआ है और विदेशो में भारत का डंका बजा है। लेकिन समझ यह नहीं आता की जब यही राजनीतिक चर्चा चाय-नुक्कड़, घर, मोहल्ले और व्हाट्सएप जैसी जगहों में होती है (जहां कैमरा या माइक ना हो), तब भाजपा के समर्थक खुल के अपनी अंधभक्ति की असली जड़ बताते है। हम सबके घर में कुछ ऐसे रिश्तेदार या दोस्त होंगे, जिनकी पूरी राजनीतिक सोच का आधार ही यह होता है कि मुस्लिम समुदाय कितना कट्टर है, कितना बुरा है, कितना निर्दई है, उनका खाना कितना मैला है और न जाने ऐसी कितनी ही बातें की जाती हैं।
कमाल की बात यह है कि व्हाट्सएप में फॉरवर्ड किए जाने वाले इन मैसेजेस में मुसलमान समुदाय के छुपे इरादो के बारे में काफी स्पष्टता से लिखा होता है। इतना पाक साफ कि जितनी भाजपा के किसी नेता ने कभी बात नही की होगी। मैं सोचता हूं कि कौन है ये लोग, जिनको लगता है की मोदी और अमित शाह इनके धर्म की रक्षा और भारत के इस्लामीकरण को रोकने के लिए है। किसने बताया इनको ये सब? क्योंकि अगर भाजपा के किसी बड़े नेता ने इनको यह बातें बोली ही नही, तो इनके दिमाग में यह बाते आई ही कैसे? लगता है खुफिया इरादे मुस्लिम समुदाय के नही, बल्कि भाजपा और उनके समर्थकों के है। जो टेलीविजन चैनलों में तो “सब का साथ, सबका विकास” की बाते करते हैं। लेकिन ज़मीनी स्तर पर अपने नफरत के एजेंडे के दम पर वोट बटोरते है।
भाजपा के समर्थको को खुद भी अपनी सोच पर शर्म आती है। यही वजह है कि वह खुल के कैमरा के आगे यह भी नहीं बोल पाते कि भाजपा का समर्थन करने के पीछे उनकी असली वजह क्या है? ऐसे मौकों पर इन्हें भारत के झूठे विकास और खोकले विदेशी डंके के पीछे छुपना पड़ता है। और ये नजरंदाज करना पड़ता है कि भारत बेरोजगारी और महंगाई के एक ऐसे दौर से गुजर रहा है, जो भारत के इतिहास में शायद ही कभी हुआ हो। ये लोग जानते है कि वो क्या कर रहे है और इन्हें लगता है कि ये कोई बहुत अच्छा काम कर रहे है। ठीक वैसे ही जैसे हिटलर के समर्थको को लगता था कि वह जर्मनी को महान देश बनाने में अपना योगदान दे रहे है।