नई दिल्ली। फर्जी कागजात और पते पर जीएसटी ( GST) रजिस्ट्रेशन कराकर टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों की अब खैर नहीं। इनके खिलाफ जीएसटी विभाग 16 मई से देशव्यापी अभियान चलाने जा रहा है। 15 जुलाई तक चलने वाले विशेष अभियान को लेकर वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा बोगस फर्मों का डाटा तैयार करने का आदेश जारी किया गया है।
बता दे कि जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार देशभर में जीएसटी चोरों के खिलाफ यह विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। यह जांच अभियान 16 मई से लेकर 15 जुलाई तक चलाया जाएगा और इस जाचं अभियान में केंद्रीय जीएसटी व स्टेट जीएसटी टीम संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगी। जीएसटी अधिकारियों ने एक हजार से संदिग्ध कंपनियों और उनके लाभार्थियों की सूची बनाई है।
बीते 24 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित राज्य और केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की राष्ट्रीय समन्वय बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी जिसमें सबसे प्रमुख बोगस फर्मों द्वारा कर चोरी का मामला है। बैठक में मामला उठा कि सरकार को धोखा देने के इरादे से कई कारोबारी नकली/फर्जी पंजीकरण प्राप्त कर राजस्व का नुकसान कर रहे हैं।
नकली/गैर-वास्तविक पंजीकरणों का उपयोग माल या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति के बिना चालान जारी करके धोखे से इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए किया जा रहा है। धोखाधड़ी करने वाले संदिग्ध और जटिल लेनदेन में लिप्त होते हैं जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। बैठक में 16 मई से 15 जुलाई तक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही समाधान योजना में पंजीकृत ऐसे कारोबारी भी हैं जो रिटर्न नहीं भर रहे हैं।