सूरजपुर SDM की गुंडागर्दी: पत्रकार को कार्यालय में बुलाकर की धुनाई, अफसर के इस गुंडाराज को किसका आशीर्वाद?

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रायपुर/सूरजपुर। छत्तीसगढ़ का सूरजपुर जिला इन दिनों पत्रकारों के साथ बदसलुकी के मामले को लेकर लगातार चर्चा में बना हुआ है. ताजा मामला सूरजपुर के युवा एसडीएम लक्ष्मण तिवारी से जुड़ा हुआ सामने आया है, जिसके बाद हर तरफ अफसर की आलोचना हो रही है. आइए इस मामले को विस्तार से जानते हैं…

दरअसल, लक्ष्मण तिवारी ने जब से सूरजपुर एसडीम का पदभार संभाला है तब से वह सुर्खियों में बने हुए हैं, अफसर की कार्यप्रणाली सभी को पसंद आ रही थी, क्योंकि वह अवैध कार्यों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही कर रहे थे, जिस वजह से इनकी काफी सराहना भी हो रही थी. यही नहीं जिन पत्रकारों ने सूरजपुर के शासकीय गेस्ट हाउस को अपना घर बना लिया था, और लंबे समय से वहां पर हुड़दंगी मचाया करते थे, उनके लिए भी SDM गले की फान्स बन गए थे. इस मामले को लेकर पत्रकारों को एसडीएम सूरजपुर ने फटकार भी लगाई थी.

सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था कि तभी अचानक एक नई घटना हो गई जिसे लेकर एसडीएम लक्ष्मण तिवारी की अब किरकिरी भी हो रही है. और उनके गुंडागर्दी की बात सामने आ रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरजपुर एसडीएम लक्ष्मण तिवारी ने एक पत्रकार को अपने कार्यालयीन समय के बाद कार्यालय बुलाकर उसके साथ मारपीट की, जो बिल्कुल भी न्याय संगत नहीं था. एक संवैधानिक पद पर बैठकर अफसर ऐसा काम करेंगे यह किसी ने नहीं सोचा था. अब सवाल यही उठता है कि पत्रकार के साथ मारपीट करना कहां का न्याय है? पत्रकार के साथ एसडीएम की मारपीट की घटना दबी जुबान पर हर तरफ हो रही है. और उनके इस अन्याय के खिलाफ विरोध भी हो रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला 26 जनवरी का है, कुछ पत्रकार सूरजपुर के गेस्ट हाउस में शाम को रोज की तरह बैठे हुए थे. इस दौरान सूरजपुर एसडीम लक्ष्मण तिवारी पहुंच गए और पत्रकारों से पूछा कि क्या यहां पर रूम आपके नाम पर आरक्षित है. पत्रकारों के पास इसका कोई जवाब नहीं था क्योंकि यह रोज की तरह यहां पर आकर बैठे हुए थे जो नियम विरुद्ध था, जिस वजह से पत्रकार भी कुछ बोल नहीं पाए और एसडीएम की खरी खोटी उन्हे सुननी पड़ी. इसके बाद सूरजपुर एसडीम ने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को बुलाकर इस संबंध में बातचीत की और कार्यवाही करने की बात कही जा रही थी, पर बातचीत से मामले को सुलझा लिया गया.

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वहीं दूसरी तरफ एक पत्रकार ने एसडीएम सूरजपुर के वाहन का वीडियो व फोटो बनाया, उसका कहना था कि एसडीएम के लिए जो वाहन अधिग्रहित की गई है वह व्यवसायिक में नही निजी वाहन के रूप में पंजीकृत थी. यही नहीं निजी वाहन के पंजीयन के साथ-साथ उस वाहन में एसडीएम का बोर्ड लगा हुआ था और साथ ही नीली बत्ती व हूटर लगा हुआ था, जो पत्रकार को नियम विरुद्ध प्रतीत हुआ. दरअसल नियमानुसार ऐसा सिर्फ शासकीय गाड़ी में ही किया जा सकता है. ऐसे में पत्रकार उसे खबर के रूप में  बनाना चाहता था, पर उसे यह नहीं पता था कि उसे गाड़ी का वीडियो व फोटो बनाना महंगा पड़ जाएगा. किसी ने इस बात की जानकारी एसडीएम को दे दी और एसडीएम ने 27 जनवरी की शाम 7:30 बजे कार्यालयीन समय समाप्त होने के बाद उस पत्रकार को फोन करके बुलवाया. पत्रकार भी बिना झिझक वहां पर पहुंच गया और उनके बुलावे का सम्मान किया, पर उसे यह नहीं पता था कि वहां पर एसडीएम गुंडागर्दी पर उतर जाएंगे और पत्रकार के साथ मारपीट करने लगेंगे.

एसडीएम का आक्रोश फोटो व वीडियो को लेकर खूब देखा गया और उसी की वजह से उस पत्रकार के साथ अपने कार्यालय में मारपीट की गई साथ ही कुछ पत्रकारों को अभद्र गाली गलौज भी की गई। अब उसमे क्या कार्यवाही होती है देखने वाली बात होगी। पत्रकार के कृत्य को जो एसडीएम के वाहन की फोटो वीडियो लेने का कृत्य के लिए यदि वह नियमानुसार गलत था कानूनी कार्यवाही की जा सकती थी. मारपीट करके गालीगलौज करके एसडीएम ने कानून को अपने हाथ में लिया है. वैसे जिस पत्रकार के साथ यह घटना घटी है, फिलहाल उसका साथ पत्रकार देने तैयार नजर नहीं आ रहे हैं वह अकेला ही अपने लिए न्याय की गुहार लगा रहा है। स्वयं पत्रकार भी इतना डरा हुआ है क्योंकि उसे कई तरह की धमकियां भी एसडीएम साहब के द्वारा दी गई है।


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