रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन आज विधानसभा में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा उठा, विधायक शेषराज हरवंश ने प्रश्न पूछा कि छत्तीसगढ़ में कितने विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे है, और कितनों पर कार्रवाई की गई है, इस सवाल का जवाब देते हुए आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने लिखित में उत्तर देते हुए कहा कि 452 लोगों का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है, इनमें से 230 मामले राज्य सरकार के विभाग में शामिल है।
कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम से सवाल किया की फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कितने मामलों में जांच प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, कितने मामलों में जांच प्रक्रिया प्रचलन में है, कितनी शिकायतों में जांच प्रारंभ नहीं की गई है, क्यों नहीं की गई है।
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मंत्री रामविचार नेताम ने सवाल के जवाब देते हुए लिखित में बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध 452 मामलों में जांच प्रक्रिया प्रचलन पूर्ण कर ली गई है। 72 मामलों में जांच प्रक्रिया प्रचलन में है। ऐसी कोई शिकायत नहीं है, जिसमें जांच प्रारंभ नहीं की गई है। जिन शिकायतों के विरुद्ध जांच प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है उन्हें पदमुक्त करने एवं शासन नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज कराने सहित वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश छानबीन समिति द्वारा संबधित नियोक्ता विभाग को दिए गए है।
वहीं विधायक चातुरी नंद ने पूछा कि प्रदेश के कितने शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं, उपरोक्त शासकीय सेवकों के खिलाफ अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है? शासकीय सेवक का नाम, कार्यरत विभाग का नाम सहित जानकारी, विभागवार बताएं।
आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत 230 शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये है।