ASI के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखेगा महिला आयोग, जानिए क्या है पूरा मामला…

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

जांजगीर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज जिला जांजगीर-चांपा के कार्यालय कलेक्टर सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।

आवेदिका में अनावेदक के खिलाफ आयोग मे दिनांक 19.01.2024 को लिखित शिकायत प्रस्तुत किया है जबकि अनावेदक ने दस्तावेज प्रस्तुत किया कि उसके द्वारा आवेदिका के पति के खिलाफ दिनांक 11.11.2023 को अजाक थाने में एफ.आई.आर. कमांक- दर्ज कराया है जो कि धारा 294, 323, 506 और अनुसुचित जाति जनजाति एक्ट की धारा (3) (2) (VA) की रिपोर्ट दर्ज करायी है जिसमें आवेदिका के पति जमानत पर हैं और आवेदिका स्वयं जांजगीर जिला न्यायालय में रिकार्ड रूम कीपर के पद पर कार्यरत हैं।

आवेदिका ने पहली बार 19.01.2024 को पुलिस अधीक्षक जांजगीर के पास अनावेदक के खिलाफ लिखित शिकायत दिया था और महिला आयोग में दिनांक 20.01. 2024 को लिखित शिकायत दिया है। इसके बाद आवेदिका ने जिला जांजगीर न्यायालय में धारा 156 के तहत परिवाद पत्र प्रस्तुत कर दिया है और उनका प्रकरण भी न्यायालय में विधाराधीन है। आवेदिका को समझाईस दिया गया कि वह न्यायालय व महिला आयोग दोनों में से किसी एक जगह पर ही अपना प्रकरण चला सकती है। आवेदिका ने कहा कि वह न्यायालय में प्रकरण जारी रखना चाहती है अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आयोग में प्रकरण लगने बाद अनावेदक के खिलाफ जांच प्रकिया प्रारंभ की जा चुकी है। अनावेदक को विभाग की ओर से निलंबित कर दिया गया है और आवेदिका ने बताया कि प्रकरण का निराकरण हो चुका है और वह प्रकरण को आयोग से समाप्त करवाना चाहती है। अतः आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।

अन्य प्रकरण में पिछली सुनवाई के दौरान दिये गये निर्देशों का पालन अब तक नहीं किया गया है विभागीय स्तर पर प्रकरण की प्रकिया प्रारंभ हो गयी है जिसकी जानकारी केन्द्र प्रशासिका द्वारा दिया गया है आज पुनः निर्देशित किया गया कि वह इस प्रकरण में की जाने वाली विभागीय कार्यवाही के संबंध में पत्राचार कर कार्यावाही शीघ्रतापूर्ण पूरी तरह और तीनमाह के अंदर करवाकर आयोग को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। प्रतिवेदन मिलने के बाद अंतिम निर्णय लिया जावेगा।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक के उच्चअधिकारी मण्डल निरिक्षक द्वारा अपने मोबाईल नम्बर से एक टाइप मुद्रा मैसेज भेजा जिसके अनुसार आवेदिका का हस्ताक्षर होने पर वह बकाया वेतन नहीं मांग सकेगी यह कोरा पत्र आवेदिका के मो. नं. पर सुरक्षित रखा हुआ है जिसे आयोग के द्वारा देखा गया और उस प्रिंट को अभिलेख में लिया गया आवेदिका मण्डल निरिक्षक को अपने प्रकरण में पक्षकार बनाकर प्रकरण दर्ज करा सकती है प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु रायपुर में रखा गया है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि सामाजिक स्तर पर सुलहनामा के बाद दोनों अलग-अलग रह रहे है और इसे तलाक समझ रहे है दोनों पक्षों को समझाईस दिया गया कि सामाजिक तलाक की कोई कानूनी वैधानिकता नही है और समाजिक तलाक के बाद दूसरा विवाह पूरी तरह शून्य होगा अतः दोनो पक्षो को समझाईस दिया गया कि सामाजिक स्तर पर लिया गया तलाक अवैधानिक कहलाता है वह आपसी राजीनामा के तहत न्यायालय में तलाक लेंगे तभी जाकर तलाक माना जायेगा।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक कमांक 1 पति ने उसे प्रताड़ित कर उसे घर से निकाल दिया है और वह स्वयं कविता नाम की महिला से दूसरा विवाह कर लिया है जिसका 10 माह का एक बेटा भी है इसे अनावेदक कमांक ने स्वीकारा। आवेदिका ने अपने शादी का समान और भरण पोषण देने की बात कही। आयोग के समझाईस पर अनावेदक आवेदिका को माह के अंदर सखी सेन्टर केन्द्र प्रशासिका के सामने 1 लाख रूपये एवं दहेज का पूरा सामान देने को तैयार हुआ है।

अनावेदक द्वारा नहीं देने की स्थिति पर अनावेदकगण के विरुद्ध न्यायालय में भरण-पोषण का प्रकरण और थाना में दहेज प्रताड़ना का प्रकरण तथा दहेज वापसी का प्रकरण दर्ज करा सकती है जिसके लिए सखी की प्रशासिका आवेदिका को मद्द करेगी और आवेदन और आर्डरशीट की प्रति आवेदिका तथा सखी की प्रशासिका को निशुल्क प्रति दिया गया। प्रकरण में कार्यवही होने के बाद सखी प्रशासिका की रिपोर्ट मिलने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जावेगा।

अन्य प्रकरण में मां मंगला कालेज ऑफ नर्सिंग की ओर से उपस्थित कर्मचारी ने बताया कि मुख्य अनावेदिका ने इस्तीफा दे दिया है और आवेदिका की ओर से दिया गया चैक में से छः चैक बाउंस हो गया है जिसकी राशि आवेदिका द्वारा देने पर रजिस्ट्रेशन नम्बर दे दिया जावेगा। आयोग ने आवेदिका को तीस हजार रूपये लेकर एवं अनावेदिका को आवेदिका से संबंधित सभी दस्तावेज लेकर रायगढ़ जिला पंचायत में दिनांक 20.09.2024 की सुनवाई में उपस्थित होने के लिए कहा।


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