हसदेव आरण्य में फिर काटेंगे पेड़! खनन के लिए अनुमति देने का CM भजनलाल ने किया धन्यवाद, मुख्यमंत्री साय बोले – ऐसा कुछ नहीं, उनकी तरफ से कोई गलती हो गई होगी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा के मॉनसून सत्र से पहले एक ओर विवाद खड़ा हो चुका है। दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान के विद्युत ग्रहों में कोयला आपूर्ति के लिए प्रदेश में वनभूमि आवंटन की अनुमति दे दी है। इसे लेकर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को बधाई भी दी थी। हालांकि अब इस पर सीएम साय ने अनभिज्ञता जताई है। जी हां, उन्होंने इस पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है और हमारे तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। राजस्थान के सीएम की बधाई पोस्ट पर उन्होंने कहा कि, ऐसा कुछ नहीं है उनकी तरफ से कोई गलती हो गई होगी।

बता दें कि राजस्‍थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, कल ही ट्वीट कर किया था धन्यवाद ज्ञापित सोशल मीडिया (एक्‍स) में विद्युत् आपूर्ति के लिए भूमि देने पर सीएम विष्णुदेव साय को धन्यवाद कहा था। सतत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार… छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्‍णुदेव का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद।

इसके अतिरिक्त, राजस्थान में निर्बाध विद्युत आपूर्ति को सुचारु रूप से स्थापित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री जी से निम्नलिखित मांगों की पूर्ति हेतु सविनय अनुरोध करता हूं:

1. पीईकेबी कोयला खंड से खनन कार्य निरंतर जारी रखने तथा वित्त वर्ष 2024-25 में 18 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए आवश्यक 108 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर, एवं वित्त वर्ष 2025-26 से अगले छह वर्षों के खनन कार्यों हेतु आवश्यक 411 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई के पश्चात, उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

2. परसा कोयला खंड पर खनन कार्य प्रारंभ करने हेतु संबंधित भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था करें।

3. केंटे एक्सटेंशन कोयला खंड की पर्यावरण स्वीकृति हेतु आवश्यक जन सुनवाई एवं वन विभाग की अनुमति का पंजीकरण छत्तीसगढ़ शासन से अविलंब करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ के संकल्प के अनुरूप राजस्थान राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।

पूर्व सीएम सीएम बघेल ने ट्वीट को किया शेयर

राजस्थान के सीएम भजनलाल के इस पोस्ट को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शेयर करते हुए लिखा कि, छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान में बदलने की साज़िश… राजस्थान के मुख्यमंत्री का ट्वीट पढ़िए.

हमने छत्तीसगढ़ के जंगलों को बचाने को प्राथमिकता दी इसलिए सारी अनुमतियां रोककर रखी गईं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद हम दबाव में नहीं आए। हमने एलीफैंट कॉरिडोर बनाकर खदानों को बचाया। जंगलों को बचाने के लिए ही केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि 39 ख़दानों को नीलामी सूची से हटा दिया‌ जाए। अब देखिए कि कैसे पेड़ काटने की सांय-सांय अनुमति मिल रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री सैकड़ों हेक्टेयर जंगल काटने की अनुमति शीघ्र देने की बात कह रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा और अडानी मिलकर हरे भरे छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान में बदलना चाहते हैं‌। हम यूं ही नहीं कहते कि भाजपा छत्तीसगढ़ का हित चाहती ही नहीं।

 


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