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“उड़ान कार्यक्रम” : कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने बच्चों को दिया गुरुमंत्र, बताया गांव का रहने वाला बच्चा कैसे बना IAS

September 4, 2024 | by Nitesh Sharma

LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रायपुर : छोटे से गांव का रहने वाला और सरकारी स्कूल में पढ़कर हमने आईएएस बनने का सपना पूरा किया। तो आप कठिन मेहनत, दृढ़ इच्छा शक्ति और लक्ष्य बनाकर नई उंचाईयों में पहुंच सकते है। रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब बेटियां अच्छी तरह से पढ़कर उच्च पद में पहुंचे और तब महिला सशक्तिकरण तब कारगर सिद्ध होती है। यह उक्त बातें कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने उड़ान कार्यक्रम के माध्यम से कालीबाड़ी स्थित जे.आर. दानी कन्या शाला में छात्राओं से कहीं।

उन्होंने कहा कि जब कोई सामान्यतः यह होता है कि कोई बड़ी हस्ती स्कूल आते हैं तो उनके साथ विद्यार्थी ग्रुप उनके ऑटोग्राफ आप लेते हैं और ग्रुप फोटो खिंचवाते हैं। मुझे सबसे ज्यादा खुशी तभी होगी। जब इस स्कूल की छात्रा उस जगह पहुंचे जिनके साथ सब ग्रुप फोटो खिंचवाये।

कलेक्टर डाॅ. सिंह ने स्कूली बच्चों से कहा कि जीवन निर्माण में समय का बड़ा महत्व होता है। सही समय में सफलता पाने के लिए सही समय का चयन करना जरूरी है। स्कूल और काॅलेज की पढ़ाई के दौरान ही लक्ष्य निर्धारित कर दृढ़इच्छा शक्ति से ही मुकाम हासिल किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि बचपन में स्कूल की पढ़ाई के दौरान पढ़ने-लिखने का टाइम-टेबल बच्चे बनाते हैं, लेकिन उसका पालन ज्यादा समय तक नहीं करते है। इसलिए एक वक्त के बाद बच्चों को खुद के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता की अपेक्षाएं होती है कि बच्चे पढ़-लिखकर नाम रोशन करें। जब कोई भी बच्चा नए मुकाम को हासिल करता हैं तो उसके नाम से माता-पिता का नाम भी बनता है। इसलिए लक्ष्य निर्धारित कर लिए हैं तो किसी भी परिस्थिति में राह से भटकने की जरूरत नहीं हैं।

कलेक्टर डाॅ. सिंह ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि बच्चे गलतियां भी कर जाते हैं, लेकिन जब आप सफल हो जाते हैं तो हर कोई उन गलतियों को भी भूल जाता है। उन्होंने कहा कि सीखने की चाह पैदा होनी चाहिए। जब बच्चे कोई भी खेल खेलते हैं तो उस समय बहुत आनंद आता हैं। उसी तरह पढ़ाई को भी खेल की तरह समझकर आनंद लेते हुए पढ़िए।

उड़ान कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने अपने स्कूल के दिनों की पढ़ाई को याद करते हुए पुराने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि चाहे इतिहास हो, चाहे गणित का विषय मेरे स्कूल के पढ़ाई के समय में शिक्षक ने विस्तार पूर्वक और बेहतर तरीके से पढ़ाए है। कोई भी चीज को रटने से बेहतर हैं कि समझकर पढ़ें। इससे बेसिक चीजों का ज्ञान हमेशा रहता है। सोचने और समझने की क्षमता का भी विकास होता है। उन्होंने कहा कि सपने बड़े पालिए, इससे निश्चित ही नया आयाम मिलेगा। इस अवसर पर समग्र शिक्षा समन्वयक श्री के.एस. पटले, स्कूल प्राचार्य, शिक्षक समेत बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चे उपस्थित थे।

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