नई दिल्ली। Women’s Reservation Bill : लोकसभा में आज विशेष सत्र के दूसरे दिन 128 वां सविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधयेक को पेश किया गया। कानून बनने के बाद लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा। इसके अनुसार लोकसभा में 543 सीटों में से 181 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
यह विधेयक लागू डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही किया जाएगा। जो की विधेयक के बाद होनी वाली जनगणना के आधार पर ही तय होगा। वहीं 2024 के चुनाव से पहले ऐसा हो पाना असंभव जैसा है। अगर तय समय में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने पर महिला आरक्षण लागू नहीं हो पाएगा। यह बिल 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।
लोकसभा में 181 महिला सांसद की होगी संख्या
Women’s Reservation Bill : कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि हम ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं। अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं, इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जन प्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। लोकसभा की कार्यवाही 20 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिल लाया गया था। यह बिल अभी मौजूद है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाए हैं। आप जानकारी दुरुस्त कर लीजिए।
इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है।
किस विधानसभा में कितनी नारियां
राज्य कुल सीट आरक्षण के बाद महिलाओं की संख्या
- आंध्र प्रदेश 175 58
- अरुणाचल प्रदेश 60 20
- असम 126 42
- बिहार 243 81
- छत्तीसगढ़ 90 30
- दिल्ली- 70 23
- गोवा 40 13
- गुजरात 182 61
- हरियाणा 90 30
- हिमाचल प्रदेश 68 23
- जम्मू-कश्मीर 90 30
- झारखंड 81 27
- कर्नाटक 224 75
- केरल 140 47
- मध्य प्रदेश 230 77
- महाराष्ट्र 288 96
- मणिपुर 60 20
- मेघालय 60 20
- मिजोरम 40 13
- नागालैंड 60 20
- ओडिशा 147 49
- पुद्दुचेरी 30 10
- पंजाब 117 39
- राजस्थान 200 67
- सिक्किम 32 11
- तमिलनाडु 234 78
- तेलंगाना 119 40
- त्रिपुरा 60 20
- उत्तर प्रदेश 403 134
- उत्तराखंड 70 23
- पश्चिम बंगाल- 294 98