Raman Singh : रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अपराधियों की सरकार है. लगातार अपराधियों को शरण दिया जा रहा है. ऐसा कोई काम नहीं हुआ जहां भरष्टाचार नहीं हुआ. खुद भूपेश बघेल बेल में बाहर घूम रहे हैं.और दूसरों पर आरोप लगाते हैं. कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.
टूलकिट में मामले में फर्जी FIR किया गया. जिसका सच आज सबके सामने आ गया है. आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है. ये बातें आज पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रेसकॉन्फ्रेंस में कही.
यह छत्तीसगढ़ को कलंकित करने वाला फैसला रहा है। आज जो अपने हक के लिए युवा लड़ रहे थे उनकी जीत हुई है। सरकार अपराधी चला रहे हैं। जितने अधिकारी इस सरकार के हैं, सभी जेल में हैं। मुख्यमंत्री की निज सचिव जेल पर हैं, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेल पर हैं।
बता दें कि हाईकोर्ट ने दो साल पुराने टूल किट मामलें में रमन सिंह और संबित पात्रा पर हुए FIR को निरस्त करते हुए बड़ी राहत दी है। पूरा मामला कोरोना काल में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को लेकर किया गया गया। जिसमें मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा विदेशी मीडिया का प्रयोग करने की बात कही गई थी।
पूर्व सीएम रमन सिंह ने न्यायलय के फैसले को महत्वपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एफआईआर का उपयोग हथियार की तरह करती है। 12 सितंबर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा गया था।
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क्या है पूरा मामला?
साल 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 18 मई को अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की तैयारी की प्लानिंग लिखी है। इसके साथ ही लिखा गया कि विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का कांग्रेस षड्यंत्र कर रही है। ऐसी ही पोस्ट संबित पात्रा ने भी की थी। इसके बाद युवा कांग्रेस के नेताओं ने रमन सिंह व संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म से फर्जी लेटरहेड को शेयर किया था। इन्हीं आरोपो के चलते दोनों नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले मे आज चीफ़ जस्टिस व जस्टिस एन के चन्द्रवंशी की डिवीजन बेंच फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि ट्वीट से कोई सामाजिक सौहार्द नहीं बिगड़ा है।
पीएम की छवि ख़राब करने का आरोप
भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी में देशवासियों में भ्रम फैलाने और पीएम मोदी की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से विपक्षी पार्टी ने टूलकिट का सहारा ले रही है। इसे लेकर संबित पात्रा ने कुछ कथित सबूत भी मीडिया में पेश किए थे। हालांकि बाद में इन्हीं सबूतों को लेकर उनके खिलाफ कांग्रेस संबित पात्रा हमलावर हो गई थी और इन सबूतों को फर्जी बताते हुए एफआईआर दर्ज करा दी थी।
एफआईआर के विरोध में भाजपा नेताओं ने बाकायदा हैशटैग ‘भूपेश- मुझे भी गिरफ्तार करो’ के जरिए अभियान चलाते हुए प्रदेशभर में अपने निवास के सामने बैठकर धरना दिया था. सभी जिला मुख्यालयों में भाजपा नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत गिरफ्तारी देने थाना पहुंचे थे।
पीएससी की चयन सूची पर उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई पर रमन सिंह ने कहा कि कोर्ट ने पीएससी घोटाले ने फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि चार – चार लोगों का सलेक्शन डीएसपी के लिए हुआ है, जो एक ही परिवार के हैं, जिसमें चाचा, पिता सहित उनके परिवार का सदस्य हैं। लाखों लोगो के मन में इसको लेकर संदेह हुआ होगा। सरकार ने पीएससी को नहीं छोड़ा इसमें अधिकारी, राजनेताओं की मिलीभगत रही जिससे चेयरमैन के परिवार के 4 लोग का सिलेक्शन हुआ है।
एक्स सीएम का महिला आरक्षण बिल पर बयान
महिला आरक्षण बिल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधेयक को मंजूरी दिलाई है। नए संसद में बिल पर ऐसा फैसला माइल स्टोन बनने के लिए किया जा रहा है। ये महिलाओं की उन्नति के दिशा में सार्थक होगा। ये बड़ा फैसला है। महिलाओं के समर्थन की बात कही गई है।