रायपुर, 19 दिसंबर 2024। छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभागों के बीच “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” योजना के तहत एक ऐतिहासिक समझौता (MoU) हुआ है। इस समझौते का उद्देश्य भारतीय एकता को मजबूत करना, सांस्कृतिक विरासत को साझा करना और दोनों राज्यों के कलाकारों को एक-दूसरे के क्षेत्रों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अवसर देना है।
सांस्कृतिक संबंधों का नया दौर
इस समझौते से उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए युग की शुरुआत होगी। अब दोनों राज्यों के कलाकार विभिन्न राष्ट्रीय पर्व, स्थापना दिवस और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर एक-दूसरे के राज्यों में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। यह कदम दोनों राज्यों के कलाकारों और सांस्कृतिक कर्मियों को नवाचार और अनुभव साझा करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
यह समझौता केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों राज्यों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को भी पुनर्जीवित करेगा। मान्यता है कि छत्तीसगढ़, रामायण काल की प्रमुख भूमि है, जहां श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया। यह क्षेत्र माता कौशल्या की जन्मस्थली चंदखुरी और लव-कुश की जन्मस्थली तुरतुरिया जैसे पौराणिक स्थलों से समृद्ध है।
MoU पर हस्ताक्षर और उपस्थिति
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की ओर से संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ की ओर से संस्कृति विभाग के उप संचालक डॉ. पी.सी. पारख ने इस समझौते का प्रतिनिधित्व किया।
“एक भारत-श्रेष्ठ भारत” पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 31 अक्टूबर 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर शुरू की गई “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” पहल का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देना है। यह पहल भारत की एकता और अखंडता को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रभाव और लाभ
यह समझौता दोनों राज्यों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को गहरा करेगा और कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन का मंच प्रदान करेगा। इसके साथ ही यह भारतीय एकता और सांस्कृतिक विविधता का एक मजबूत उदाहरण भी बनेगा।