पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट के फैसले पर डिप्टी CM अरूण साव ने जारी किया बयान, बोले- पिछड़े वर्ग का हक मुसलमानों को देना असंवैधानिक

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रायपुर। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी सभी अदर बैकवर्ड क्लास (OBC) सर्टिफिकेट रद्द करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथर की बेंच ने कहा कि 2011 से प्रशासन ने किसी नियम का पालन किए बगैर OBC सर्टिफिकेट जारी कर दिए। हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा है कि, यह निर्णय कांग्रेस और इंडी गठबंधन के गाल पर करारा तमाचा है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने पिछड़े वर्ग के हक पर डाका डाला, उसे लूटा, पिछड़े वर्ग के लोगो के साथ षडयंत्र किया है। पिछड़े वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानो को देना असंवैधानिक है। भाजपा पूरी ताकत से ऐसे षड्यंत्रकारियो से लड़कर पिछड़े वर्ग के हको को सुनिश्चित करेगा। अरुण साव ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्णय का हम स्वागत करते है।

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क्या है हाईकोर्ट का फैसला
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी सभी अदर बैकवर्ड क्लास (OBC) सर्टिफिकेट रद्द करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथर की बेंच ने कहा कि 2011 से प्रशासन ने किसी नियम का पालन किए बगैर OBC सर्टिफिकेट जारी कर दिए।बेंच ने कहा- इस तरह से ओबीसी सर्टिफिकेट देना असंवैधानिक है। यह सर्टिफिकेट पिछड़ा वर्ग आयोग की कोई भी सलाह माने बगैर जारी किए गए। इसलिए इन सभी सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया गया है। हालांकि यह आदेश उन लोगों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें पहले नौकरी मिल चुकी या मिलने वाली है।

OBC लिस्ट के रद्द होने से करीब 5 लाख सर्टिफिकेट रद्द होने वाले हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के आधार पर OBC की नई सूची पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग तैयार करेगी।


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