नई दिल्ली। बलात्कार के दोषी और आशाराम बापू के बेटे नारायण साईं की हाईकोर्ट (High Court) से एक बार फिर बड़ा झटका लगा हैं। दरअसल कोर्ट ने जमानत याचिका ख़ारिज कर दी हैं। बता दे कि नारायण साईं ने अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए 20 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका दायर की थी।
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याचिका में नारायण साई ने क्या कहा ?
नारायण साईं ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा कि उसके माता और पिता बुजुर्ग हैं। वो उनकी इकलौती संतान है। उसके पिता आसाराम बहुत बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में उसे जमानत दी जाए, ताकि वो अपने माता-पिता की देखभाल और सेवा कर सके। आसाराम की बीमारी की गंभीरता को दिखाने के लिए उसने एम्स की रिपोर्ट भी याचिका के साथ संलग्न की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने नारायण का पूर्व ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए उसे फटकार लगाई और याचिका को खारिज कर दिया।
इससे पहले रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे नारायण साईं की फरलो पर भी सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है। साल 2021 में उसको गुजरात हाईकोर्ट ने 14 दिन की फरलो पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने जून 2021 में नारायण को 14 दिन की फरलो पर रिहा करने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. उस वक्त इस मामले में गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे।