PM Modi-Mann Ki Baat : मन की बात का आज 102 वां एपिसोड, पीएम मोदी ने Cyclone Biparjoy से लेकर इमर्जेंसी पर कही बड़ी बात
June 18, 2023 | by livekhabar24x7.com
नई दिल्ली। PM Modi-Mann Ki Baat : हर महीने के अंतिम हफ्ते के रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसंवाद के लिए रेडियो वार्ता मन की बात कार्यक्रम करते है। जिसमें वह भारत के कई मुद्दों, लोगों से बातचीत करते है। वहीं अपने विचार लोगों के साथ साझा करते है।
लेकिन इस बार एक हफ्ते पहले ही यानी आज 18 जून को ही मन की बात कार्यक्रम के एपिसोड 102 का प्रसारण जारी है। पीएम मोदी ने कहा, आमतौर पर ‘मन की बात’ हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है, और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है।
बिपरजॉय तूफान पर की बात
बिपरजॉय तूफान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दो-तीन दिन पहले हमने देखा कि देश के पश्चिमी हिस्से में कितना बड़ा चक्रवात आया। तेज हवाएं, भारी बारिश। कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने भारी तबाही मचाई है, लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस साहस और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह भी उतना ही अभूतपूर्व है।
उन्होंने कहा, कभी दो दशक पहले आए विनाशकारी भूकंप के बाद कच्छ को कभी न उबर पाने वाला कहा जाता था। आज वही जिला देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में से एक है। मुझे विश्वास है कि कच्छ के लोग बिपरजॉय चक्रवात से हुई तबाही से तेजी से उबरेंगे।
तुलसीराम जी ने लोगों को साथ लेकर 40 से ज्यादा तालाब बनवाए हैं। आज उनके गांव में भूजल स्तर सुधर रहा है। वैसे ही हापुड़ में लोगों ने मिलकर एक विलुप्त नदी को जीवित किया है। यहां लीन नाम की नदी थी। इसे कथाओं में याद किया जाता था। लोगों ने इसे फिर से जिंदा करने की ठानी. अब यह नदी फिर से जीवित होने लगी है। इसके उद्गम स्थल को अमृत सरोवर के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इनसे जीवन के रंग और भावनाएं जुड़ी रहती हैं। ऐसा ही दृश्य महाराष्ट्र में देखने को मिला। अब यहां निलवंडे डैम के निर्माण का काम पूरा हो रहा है। कुछ दिन पहले टेस्टिंग के दौरान कैनाल में पानी छोड़ा गया था। लोग ऐसे झूम रहे थे जैसे कि होली दिवाली का त्योहार हो।
छत्रपति शिवाजी महाराज को किया याद
प्रबंधन की बात हो रही है तो मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को याद करूंगा। जल प्रबंधन और नौसेना को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो काम किए वे आज भी प्रेरणा हैं। उनके जलदुर्ग समंदर के बीच में शान से खड़े हैं। उनके राज्याभिषेक को 350 वर्ष पूरे हुए हैं। इसको लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा, जब नीयत साफ हो और प्रयासों मे ईमानदारी हो तो कोई भी लक्ष्य पीछे नहीं रहता।
भारत ने संकल्प किया है को 2025 तक टीवी मुक्त भारत बनाया जाएगा। एक समय था जब टीबी का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते हैं। लेकिन आज का समय है कि टीबी के रोगियों की मदद की जा रही है। इससे लड़ने के लिए निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है। हजारों लोगों ने आगे आकर टीबी मरीजों को गोद लिया है। यह जनभागेदारी ही इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत है। इसकी वजह से ही देश में 10 लाख से ज्यादा टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है।
पीएम मोदी ने कहा, नैनीताल के निक्षय मित्र मेवाड़ी जी ने 6 लोगों को गोद लिया है। भारत को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम में हमारे बच्चे पीछे नहीं हैं। हिमाचल के ऊना की सात साल की बेटी नलिनी ने अपनी पॉकेट मनी से टीबी मरीजों की मदद कर रही है। कम उम्र में बड़ी सोच रखने वाले बच्चों की प्रशंसा करता हूं. हम हमेशा नए विचारों के स्वागत के लिए तैयार रहते हैं। हम नई चीजों को आत्मसात करते हैं। जापान की तकनीक मियाबाकी के जरिए बंजर जमीन को हराभरा करने की तकनीक है। ये जंगल तेजी से फैलते हैं और कुछ ही दिनों में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं। केरल की राखी रामनाथ जी ने इस तरीके से एक इलाके की तस्वीर ही बदल दी। वह स्टूडेंट को समझाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक हर्बल गार्डन बना डाला।
रामनाथ जी के विद्यावनम में 115 वराइटी के पेड़ लगाए गए हैं। इस खूबसूरत जगह को देखने के लिए आसपास के स्कूली बच्चे भी आते हैं। मियाबाकी जंगलों को किसी भी जगह उगाया जा सकता है। कुछ सममय पहले ही मैंने गुजरात के केवड़िया एकतानगर में मियाबागी फॉरेस्ट का उद्घाटन किया गया था। कच्छ में भी एक जंगल बनाया गया है। मुश्किल प्राकृतिक परिवेश में भी यह तकनीक प्रभावी है। मुझे पता चला है कि लखनऊ के अलीगंज में भी मियाबाकी उद्यान तैयार किया जा रहा है। यह तकनीक पूरी दुनिया में पसंद की जा रही है। मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे मियावाकी पद्धति के बारे में जानने का प्रयास करें।
आजकल हमारे देश में जम्मू-कश्मीर की खूब चर्चा होती है। कुछ समय पहल मैंने बताया था कि कैसे कश्मीर के नागलू देश के बाहर भी पसंद किए जा रहे हैं। बारामूला के लोगों ने दूध की कमी को अवसर माना और डेयरी का काम शुरू किया। इस काम में महिलाएँ आगे आईं। इशरत नबी भी इस काम में आगे आईं और उन्होंने मीर सिस्टर्स डेयरी फार्म शुरू किया। ऐसे ही सोपोर के वसीम ने दो दर्जन से ज्यादा प शु पाले और हर दिन 200 लीटर से ज्यादा दूध बेचते हैं। आबिद हुसैन भी डेयरी का काम कर रहे हैंं। यहां रोज साढे पांच लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।
इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई खुशखबरियां आई हैं। मेन्स हॉकी टीम ने जूनियर एशिया कप जीता है। जूनियर्स शूटिंग वर्ल्ड कप ने भी कमाल किया और टूर्नामेंट में पहला स्थान प्राप्त किया है। 20 फीसदी गोल्ड मेडल भारत के खाते में आए हैं। एशियन एथलीट चैंपियनशिप में भारत टॉप 3 में रहा। पहले हमें अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के बारे में पता चलता था लेकिन भारत का नाम नहीं होता था। लेकिन आज पिछले कुछ सप्ताह की ही लिस्ट इतनी लंबी है कि पढ़ना मुश्किल है। आज भारत कई क्षेत्रों में पहली बार मौजूदगी दर्ज करवा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, देश के अलग-अलग राज्यों में खेलों के आयोजन होते हैं। इससे खिलाड़ियों को सीखने का मौका मिलता है। उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हुआ। ऐसे टूर्नामेंट्स का बड़ा पहलू होता है कि युवा खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानी सामने आती हैं। बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी की निधि ने घुटने में गंभीर चोट के बावजूद शॉटपुट में गोल्ड मेडल हासिल किया।
पीएम मोदी ने कहा. 21 जून आ ही गया है। इस बार लोग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इंतजार कर रहे हैं. इस बार की थीम है योगा फॉर वसुधैव कुटुंबकम। हर बार की तरह इस बार भी देश के कोने कोने में योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस बार मुझे यूएन में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मेरा आग्रह है कि आप योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। जब आप योग से जुड़ेंगे तो आपके जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आएगा।
20 जून को ऐतिहासिक रथयात्रा का दिन है। धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। जब मैंं गुजरात में था तो अहमदाबाद में होने वा ली रथयात्रा में शामिल होने का अवसर मिलता था। इसमें हर समाज हर वर्ग के लोग जुड़ते हैं। इस पावन पुनीत अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएं। भारतीय परंपरा और संस्कृति से जुड़े उत्सव की चर्चा करते हुए मैं देश के राजभवनों में होने वाले कार्यक्रमों का जिक्र करूंगा। आज हमारे राजभवन टीबी मुक्त अभियान, प्राकृतिक खेती से जुड़े अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।
आपातकाल की बात
पीएम मोदी ने कहा कि 25 जून के काले दिन को भूल नहीं सकते। इस दिन आपातकाल थोपा गया था। उस दौरान लोकतंत्र के समर्थकों को यातनाएं दी गईं। इन अत्याचारों पर बहुत सी पुस्तकें लिखी गईं। मुझे भी एक किताब लिखने का मौका मिला था। टॉर्चर्स ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स इन इंडिया। एक किताब सामने आई है। इस किताब में बहुत कुछ लिखा है। मैं चाहूंगा कि आज जब हम देश की आजादी के 75 साल बना रहे हैं तो ऐसे अध्यायों के बारे में भी लोगों को पता चले।
RELATED POSTS
View all