Raipur : यूनीपोल मामले में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, कंपनी का GST नंबर 3 साल पहले ही हो गया था कैंसिल, फिर भी अफसरों की कृपा से मिलता रहा काम

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Raipur : राजधानी में लगे मिनी यूनीपोल का मुद्दा शांत होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इस मामले में आए दिन कोई न कोई खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच एक और भारी गड़बड़ी सामने आई हैं। दरअसल कंपनी ने टेंडर हासिल करने के बाद नगर निगम को जो GST नंबर दिया था वह 2020 में ही कैंसिल हो गया था। जानकारी के लिए बता दे कि GST नम्बर के आधार पर ही कोई भी कंपनी अपने बिजनेस का संचालन करती है और उसी आधार पर वह केंद्र और राज्य सरकार को टैक्स का भुगतान करती है।

यह एक बड़ा और गंभीर मामला हैं। कैंसिल GST का नम्बर देकर नगर निगम के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी का मामला बनता है। यह पूरा मामला अब शासन स्तर पर पहुंच गया है। शासन ने नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों की टीम बनाई है। यह टीम अब इस पूरे मामलों की जांच करेगी।

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यूनीपोल लगाने वाली कंपनी ग्रेसफूल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने शर में स्मार्ट टॉयलेट में यूनीपोल लगाने के लिए दस साल का अनुबंध किया था। इसके लिए GST नंबर दिया गया था। वह अगस्त 2020 में ही कैंसिल हो गया है. GST से जुड़े जानकारों का कहना है कि आमतौर पर किसी कंपनी का GST नंबर तब कैंसिल किया जाता है जब कंपनी नियमित तौर पर GST रिटर्न दाखिल नहीं करती। नंबर या तो फ्रीज कर दिया जाता है या उसे कैंसिल कर दिया जाता है।

ऐसी जानकारी सामने आई हैं कि कंपनी का GST नंबर रिटर्न दाखिल नहीं करने के कारण कैंसिल हुआ था। नियमतः ऐसी कंपनियों को कोई सरकारी काम ही नहीं दिया जा सकता। ऐसी कंपनी को निगम अफसरों ने किस भरोसे से शहरभर में यूनीपोल लगाने का ठेका दे दिया। कंपनी यूनीपोल लगातार राजस्व प्राप्त कर रही है और वह GST रिटर्न दाखिल नहीं कर रही है तो यह GST चोरी का मामला बनता है।


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