9 माह के भाजपा राज में महिलायें असुरक्षित, पूरे प्रदेश में हर दिन गैंगरेप की घटना हो रही है : पसीसी चीफ दीपक बैज

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी लगातार कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर है। अलग-अलग घटनाओं को लेकर कांग्रेस सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर साय सरकार को घेर रही है। आज राजीव भवन में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 9 माह के भाजपा सरकार के राज में छत्तीसगढ़ में महिलायें असुरक्षित हो गयी है। इससे बड़ा दुर्भाग्यजनक क्या हो सकता है राजधानी में महिलायें सुरक्षित नहीं है। रायपुर नया बस स्टैण्ड में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है। दूसरे दिन रिपोर्ट लिखा गया उसमें भी सामूहिक दुष्कर्म को नकार दिया गया। बलात्कार का रिपोर्ट लिखा गया, यहां भी पुलिस अपराधियों को सजा देने के बजाय उन्हें बचाने में लगी है। रोज-रोज प्रदेश में कहीं न कहीं सामूहिक बलात्कार की घटना हो रही है।

महिलायें खुले में बाहर निकलने में भयभीत हो रही है। बस्तर, जशपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर से लेकर राजधानी रायपुर में भी महिलायें खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि सरकार जिसे इन मामलों को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करवाना चाहिये, वह बलात्कार जैसी घटनाओं को भी छुपाने और अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। अभी तक 8 माह में प्रदेश में महिलाओं के प्रति 3094 अपराध हुये है तथा 600 से अधिक बलात्कार की घटना हुई है।

भिलाई के डीपीएस स्कूल में 4 साल की मासूम बच्ची के साथ दुराचार की घटना हो गयी। बिना एफआईआर के एसपी ने घटना को नकार दिया, जबकि पास्को एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी कोई घटना होने पर पहले एफआईआर होना चाहिये उसके बाद जांच होनी चाहिये। भिलाई के बच्ची के साथ दुराचार के मामले में दो-दो डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है कुछ गलत हुआ है। उसके बाद एसपी मामले को नकारते है। हम पूछना चाहते है पुलिस ने एफआईआर कब किया? मेडिकल बोर्ड का गठन कब हुआ? बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कब कराया गया? घटना सरकार के संज्ञान में था। सरकार ने क्या कार्यवाही किया? पास्को एक्ट में एफआईआर बिना किये क्लीनचीट दिये जाने के कारण एसपी पर कार्यवाही क्यों नहीं किया गया?

रायगढ़ के पुसौर में एक आदिवासी महिला के साथ 14 लोगों ने दुराचार किया, पुलिस रिपोर्ट लिखने में बहानेबाजी कर रही थी, मीडिया में दबाव के बाद रिपोर्ट लिखा गया। जशपुर के एक नाबालिक बच्ची के साथ सामूहिक दुराचार हो गया। कोण्डागांव में एक महिला के साथ सामूहिक दुराचार हो गया, 20 दिन तक रिपोर्ट नहीं लिखी गयी।

बेहद दुर्भाग्यजनक है कि बंगाल की घटना पर प्रतिक्रिया देने वाले भाजपाई छत्तीसगढ़ में 4 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी पर मौन है। हमने इस संबंध में ज्ञापन सौपने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी समय मांगा है।

इस मामले में कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि हम अपनी बहन, बेटियों की रक्षा की लड़ाई लड़ेंगे, आंदोलन करेंगे। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिये मजबूर करेंगे। 2 सितंबर को इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में प्रेस कांफ्रेंस होगी तथा 3 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया जायेगा।


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