नई दिल्ली। Women’s Reservation Bill Passed : लोकसभा में महिला आरक्षण बिल लंबी चर्चा के बाद दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है। इस बिल के लिए हुई वोटिंग में 454 वोट समर्थन और 2 वोट विरोध में पड़े है। लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने इस बिल के लिए वोटिंग पर्ची के जरिए कराई। अब 21 सितंबर को यानी गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। जिसके बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद फिर यह बिल कानून का शक्ल ले सकेगा।
बताते चलें कि इस बिल के अंतर्गत लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा। जिसके बाद लोकसभा में महिलों की सांखि 181 हो जाएँगी। जो कि 15 साल तक के लिए लागू रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।
Lok Sabha passes Women’s Reservation Bill granting 33% seats to women in Lok Sabha and state legislative assemblies
454 MPs vote in favour of the bill, 2 MPs vote against it pic.twitter.com/NTJz449MRX
— ANI (@ANI) September 20, 2023
गृहमंत्री शाह ने दिया विपक्ष के सवालों का जवाब
महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देशभर में दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात में उन्होंने जागरूकता पैदा की। इससे लिंगानुपात में सुधार हुआ था। अमित शाह ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओर लिंगानुपात में सुधार हुआ, दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्ऱॉपआउट रेशो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेशो घटकर 0.7 फीसदी रह गया।
शाह ने कहा, “ये हमारे लिए राजनीति नहीं, मान्यता और संस्कृति का मुद्दा है. महिला सशक्तीकरण संविधान संसोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि ये महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता का मामला है। मोदी जी ने जिस दिन पीएम पद की शपथ ली, ये संकल्प लिया। ये सरकार का संकल्प है, जिसे पूरा किया गया।” गृहमंत्री ने इसके साथ बिल को पास कराने के लिए सहयोग मांगा।
राहुल गांधी ने भी चर्चा में हिस्सा लिया
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में हुई डिबेट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने इस दौरान ओबीसी को भी इस बिल (Women’s Reservation Bill) में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है। राहुल गांधी ने कहा, “मेरे विचार से यह विधेयक आज ही लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया है।”