रायपुर। छत्तीसगढ़ में नाफेड (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) द्वारा फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स (FRK) की आपूर्ति के लिए बुलाए गए टेंडर में अनियमितताओं की शिकायत सामने आई थी। छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिलर्स एसोसिएशन का आरोप है कि इस टेंडर में कुछ ऐसे नियम जोड़े गए हैं जो केवल कुछ चुनिंदा FRK निर्माताओं के पक्ष में हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो रही है।
एसोसिएशन ने इस मुद्दे को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में शिकायत दर्ज कर निष्पक्ष प्रक्रिया की मांग की। इस पर संज्ञान लेते हुए, भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि नाफेड के इस टेंडर को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही, नाफेड की कार्यप्रणाली की जांच कर विस्तृत जानकारी मंत्रालय को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है।
फोर्टीफाइड चावल योजना का मुख्य उद्देश्य पोषण की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है ताकि इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से कुपोषित बच्चों और महिलाओं तक पहुंचाया जा सके। खाद्य मंत्रालय के इस निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ में टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने की संभावना है, जिससे सभी FRK निर्माताओं को समान अवसर मिल सके। एसोसिएशन के सदस्यों ने उनके पत्र पर त्वरित कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।